Maa Ambika Nirmand : मां अंबिका महामाई निरमंड का  संक्षिप्त ऐतिहासिक विवरण, मंदिर व् पूजन पद्धति

भुण्डाख्येन मखेन हर्षितवती भण्डासुराक्रन्दिनीम् । श्यामांगीं कमलद्वयं विदधर्ती रक्ताम्बरैः शोभिताम् ।। पंचस्थान चतुष्ठहैरि सहितां रामेण संसेविताम् ।  निर्मण्डाधिनिवासिनीं भगवतीं श्री अम्बिकां संस्मरे ।। (यह श्लोक शास्त्री श्री लोक नाथ मिश्र द्वारा रचित “सतलुज घाटी की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि” नामक पुस्तक से लिया गया है)  मां अंबिका महामाई निरमंड का  संक्षिप्त ऐतिहासिक विवरण :Maa Ambika Nirmand एक … Read more

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