Hatu Mela – महामाई का भव्य मंदिर और हाटू मेला

जिला शिमला के नारकंडा के समीप ऊंची पहाड़ी जिसे हाटू पीक के नाम से जाना जाता है, पर महामाई दुर्गा का भव्य मंदिर है। यह स्थान अपने आप में एक ऐसी सुंदरता संजय हुए हैं जिसका अनुसरण करके आपका मन एकदम शांत हो जाएगा। इसी जलाग पर ज्येष्ठ के मास में प्रत्येक रविवार को मेला लगता है जिसे Hatu Mela कहा जाता है.

महामाई के भव्य मंदिर के साथ-साथ यहां पर ऐसे अनेकों देखने योग्य स्थान है जिनकी अपने आप में ही एक कहानी है। इनमें से प्रमुख स्थान भीम का चूल्हा, मंदिर तक आने का संकरा रास्ता और सुंदर पेड़, मंदिर तक पहुंचाने के रास्ते में आने वाला पानी का तालाब है, तथा मंदिर पहुंचकर दिखने वाले बर्फ से ढके शानदार पहाड़।

 

Hatu Mela और Hatu Peak

11150 फुट यानी 3400 मीटर की ऊंचाई पर बसे Hatu Mata Mandir की शोभा निराली है। पुराने समय के कही जाने वाली बुशहर, मस्तगढ़, सिराज और कुमारसेन आदि रियासतों के लोगों की महामाई के प्रति गहरी आस्था है।

Hatu Mela इसी मंदिर में इतनी ही ऊंचाई वाले स्इथान पर लगता है. इतनी ऊंचाई पर बसे होने के कारण यहां का तापमान बहुत गर्म और बहुत ठंडा रहता है। यहां पर आप अक्सर महसूस करेंगे एकदम से बारिश होने लगेगी और एकदम से बादल आ जाएंगे।

ऊंचाई पर होने के साथ-साथ यहां पर शीतल पवन का भी अनुभव किया जा सकता है जिससे आप एक अच्छा वायु स्नान लेकर अपने आप को तरोताजा महसूस करेंगे।

ज्येष्ठ रविवार का प्रसिद्द Hatu Mela

ज्येष्ठ महीने के प्रत्येक रविवार को यहां पर Hatu Mela लगाया जाता है जो कि लोगों में भारी आस्था का प्रतीक है। भारी मात्रा में आम जन मानस प्रत्येक रविवार को माता के दर्शन के लिए आते हैं।

जयकारों की गूंज से और लोगों के जमावड़े से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि लोगों के मन में महामाई के प्रति अटूट आस्था और विश्वास है।

ज्येष्ठ रविवार जिसे की पहाड़ी बोली में जेठ का त्वार कहा जाता है, शुरू से ही लोगों में भारी आस्था का प्रतीक रहा है। बुजुर्गों द्वारा बताई जाने वाली जानकारी से यह प्राप्त हुआ है कि वह भी अपने समय में बड़े शौक से जेठ महीने के रविवार के दिन हाटू माता के दर्शन के लिए जाते थे।

 

हाटू मेले तक जाने का रास्ता व मुख्य आकर्षण

हाटू मेला क्योंकि माता के दरबार में ही लगता है तो आप रोड से मंदिर तक पहुंच सकते हैं लेकिन अक्सर वन वे ट्रैफिक रखा जाता है तो ट्रैफिक गाइडलाइन को देखकर ही जाने की योजना बनाएं।

लेकिन यदि आप पैदल जाना चाहते हैं तो आप सिद्धपुर नामक स्थान पर पहुंच सकते हैं जो की बाघी वाले रोड में आता है और वहां से आप पैदल हाटू ट्रैकिंग करके पहुँच सकते हैं।

मेले में पूरी रौनक होती है जहां पर बच्चों के लिए झूले, मिठाई खिलौने इत्यादि की दुकान आपको भरपूर मिलेगी। सिद्धपुर नामक स्थान पर भी आपको भरपूर मिठाई की दूकान मिलेगी जहां पर आप जब मेले से लौटे तो लौटते हुए घर को मिठाई ले जा सकते हैं।

इसके अलावा मंदिर परिसर के समीप जहां पर मेला लगता है वहां पर भी अनेकों तरह की रौनक आपको देखने को मिलती है जिनका आप आनंद उठा सकते हैं और अपने दोस्तों और परिवार के साथ मेले के रंग में रंग सकते हैं।

महामाई दुर्गा हाटेश्वरी की भव्य कोठी और चमत्कार

इस मंदिर में हाष्ठकला का अद्भुत नमूना और लकड़ी पर उकेरी गई शानदार मूर्तियां देखने योग्य हैं। काष्ठ पर कला के द्वारा जो भी आकृतियाँ उकेरी गयी हैं उनको देखकर कोई भी देखता ही रह जाएगा. पहले मंदिर परिसर चारों और से खुला हुआ करता था लेकिन अब मंदिर को चारों और से शीशों से बंद कर दिया गया है. लेकिन आप अभी भी उसी सुन्दरता का आनंद ले सकते हैं.

ऊँचे पर्वतों पर वास करने वाली माँ शेरांवाली महामाई के दरबार से कोई भी नाराज होकर नहीं जाता. जो भी सच्चे मन से आता है वह सदैव खुश होकर ही जाता है। महामाई दुर्गा हाटेश्वरी अपने भक्तों की सभी मनोकामनाओं को सदैव पूर्ण करती हैं तथा अपने भक्तों की रक्षा करती हैं।

Hatu Peak का भीम चूल्हा

जनश्रुति के अनुसार यहां पर दो पत्थर कुछ इस तरह की आकृति में विराजमान है जिन्हें देखकर लगता है कि यह एक चूल्हा है। हालांकि पत्थरों का आकार सामान्य से कई गुना बड़ा है जो कि यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि पत्थरों को वहां पर ऐसा किसने रखा होगा।

जनश्रुति कहती है कि एक समय पर भीम ने अपने एकांतवास के दौरान यहां पर अपने लिए खाना बनाया था, तो उन्होंने इस चूल्हे का निर्माण किया था। हालांकि यह एक विश्वास का मुद्दा है कुछ लोगों के लिए यह सच्चाई है लेकिन कुछ लोग इसमें विश्वास नहीं करते।

हमारा उद्देश्य किसी भी प्रकार के अंधविश्वास को बढ़ाना नहीं है लेकिन जन श्रुतियों को एकत्रित करके हम आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं। आप देख सकते हैं यह वाकइ चूल्हा लगता है.

बर्फ में ढककर सुंदरता होती है दुगनी

सर्दियों के मौसम में यहां पर भारी मात्रा में बर्फबारी होती है क्योंकि यह 11150 फुट की ऊंचाई पर स्थित है तो ऐसा होना लाजमी भी है। यदि आप चाहे तो सर्दियों में ट्रैकिंग कर कर यहां पर पहुंच सकते हैं और इस स्वर्गनुमा संसार का आनंद ले सकते हैं।

लेकिन यदि आप ऐसा करने में समर्थ्यवान नहीं है और परिस्थितियों आपके अनुकूल नहीं है तो आप तस्वीरों से अंदाजा लगा सकते हैं कि यह कितना शानदार नजारा होता है। चारों तरफ सफेद चादर से ढके मंदिर परिसर में मंदिर का नजर और भव्यता और अधिक बढ़ जाती है।

पहाड़ियों का अद्भुत मनमोहक नजारा

हाटू पीक से आप चारों तरफ की बर्फ से ढकी हिमालय की पहाड़ियों को देख सकते हैं। स्थानीय लोगों के लिए तो यह नजारा बेशक लुभावना है लेकिन जिन लोगों ने कभी ऐसा नजर नहीं देखा उनके लिए यह एकदम मनमोहन और बेहद शानदार नजारा है।

यहां से आपको चारों और की पहाड़ियों का नजारा दिखेगा और ठंडी-ठंडी हवाओं का आनंद लेकर आप गहन चिंतन में मेडिटेशन भी कर सकते हैं। मंदिर के चारों ओर थोड़े जंगल भी हैं जिनमें कई तरह की जड़ी बूटियां भी मिलती हैं बशर्ते आप इनकी पहचान कर सकें।

यदि आपने आज तक हाटू पीक नही आए हैं तो आपके यहां पर एक बार जरूर आना चाहिए तथा यहां की सुंदरता और यहां की शांति को एक बार अनुभव करना चाहिए।

चांद पर बैठे हों ऐसा महसूस करेंगे

मंदिर की ओर जाने वाली रोड यहां पर मंदिर के पास आकर खत्म हो जाती है। रोड की अंतिम छोर पर बैठकर जब आप सामने दिखने वाली पहाड़ियों की तरफ देखेंगे और नीचे के इलाके को निहारेंगे तो आपको ऐसा लगेगा कि आप आसमान में बैठकर जमीन देख रहे हैं।

यह अनुभव अपने आप में इतना रसीला शानदार और रमणीय होता है कि इसमें कोई भी खो सकता है। यहां से आपको दूर-दूर तक आने को तहसील दिखाई देती हैं और अनेकों गांव दिखाई देते हैं।

जन संदेश और विनम्र निवेदन

हाटू पीक को जाने का रास्ता संकरा है लेकिन नजारा मनमोहक है इतना शानदार कि आप एक समय के लिए सभी परेशानियों को भूलकर मदमस्त हो जाएंगे।

लेकिन कुछ बेशर्म लोग इस स्थान को गंदा करने में अपनी भागीदारी देने से कोई कसर नहीं छोड़ते और यहां पर कूड़ा करकट फैलाते हैं तथा हुड़दंग आदि करते हैं। ऐसे धार्मिक स्थलों पर पिकनिक मनाने के लिए नहीं आना चाहिए बल्कि शांति का अनुभव करने और भक्ति में लीन होने के लिए आना चाहिए।

आपसे निवेदन है जब भी आप आए तो गंदगी ना फैलाएं और यदि आपको गंदगी दिखे तो कृपया उसको साफ करें और अपना श्रमदान देकर माता की कृपा प्राप्त करें।

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